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नहीं पड़ेगी हार्डवेयर की आवश्यकताजियो के 4G–5G नेटवर्क के जरिए वाहन चालकों को दुर्घटना संभावित क्षेत्रों, कोहरे वाले हिस्सों, आवारा पशु जोन और इमरजेंसी डायवर्जन की पहले से जानकारी मोबाइल पर मिलेगी। सुरक्षा संदेश यात्रियों तक एसएमएस, व्हाट्सएप और हाई-प्रायोरिटी कॉल के माध्यम से पहुंचेंगे। यह पूरी तरह ऑटोमेटेड सिस्टम जियो मोबाइल यूजर्स के लिए नेशनल हाईवे पर या उसके आसपास काम करेगा और किसी भी अतिरिक्त सड़क-किनारे हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह मौजूदा टेलीकॉम टावरों के जरिए संचालित होगा।
क्या बोले अधिकारीNHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने कहा कि यह पहल यात्रियों को समय पर सटीक जानकारी उपलब्ध कराने की दिशा में एक अहम कदम है, जिससे वे पहले से ही सतर्क होकर सुरक्षित ड्राइविंग अपना सकेंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि यह पहल तकनीक आधारित रोड सेफ्टी मैनेजमेंट में एक नया मानक स्थापित करेगी।
रिलायंस जियो ने क्या कहारिलायंस जियो के प्रेसिडेंट ज्योतिंद्र ठक्कर ने कहा कि यह पहल जियो के विस्तृत टेलीकॉम नेटवर्क की ताकत का उपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर सुरक्षा अलर्ट पहुंचाने में सक्षम होगी और इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा और अधिक सुरक्षित बनेगी। सेफ्टी अलर्ट सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से ‘राजमार्गयात्रा ऐप’ व हेल्पलाइन 1033 से जोड़ा जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट कुछ क्षेत्रों में शुरू होगा और फिर देशभर में इसका विस्तार किया जाएगा। Edited by : Sudhir Sharma
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