
Smartphone era will end in 5-6 years: कल्पना कीजिए, एक ऐसा दौर जहां आपका स्मार्टफोन सिर्फ एक स्क्रीन न हो, बल्कि आपकी हर कल्पना को जीवंत करने वाला जादू का लैंप हो। जहां ऐप्स और ऑपरेटिंग सिस्टम की दुनिया खत्म हो जाए, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आपकी हर इच्छा को रीयल-टाइम वीडियो में बदल दे।
यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म का सीन नहीं, बल्कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) का भविष्य का खाका है! जो हाल ही में जो रोगन (Joe Rogan) के मशहूर पॉडकास्ट में सामने आया और इसने पूरी टेक इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया है।
Elon Musk: “I am not working on a phone. I can tell you where I think things will go, which is that we’re not going to have a phone in the traditional sense. What we’ll call a phone will really be an edge node for AI inference with some radios to connect. Essentially, you’ll have… pic.twitter.com/t0z28CVmKU
— Sawyer Merritt (@SawyerMerritt) October 31, 2025
जो रोगन के पॉडकास्ट पर बड़ा खुलासा : 31 अक्टूबर को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शेयर किए गए इस क्लिप को लाखों व्यूज मिल चुके हैं, और बहस छिड़ गई है—क्या यह टेक क्रांति है या सिर्फ मस्क की दूर की कौड़ी?

मस्क और एप्पल के बीच तनावपूर्ण रिश्तों ने पहले अफवाहों को जन्म दिया था कि टेस्ला शायद एक नया फोन लॉन्च कर सकता है। लेकिन 'जो रोगन एक्सपीरियंस' पॉडकास्ट में रोगन की चुभती हुई पूछताछ पर मस्क ने हंसते हुए साफ़ इनकार कर दिया: "मैं फोन पर काम नहीं कर रहा हूं!" इसके बजाय, उन्होंने जो विजन पेश किया वह आईफोन (iPhone) और एंड्रॉयड (Android) को पुरानी किताबों का पन्ना बना देगा।
'एज नोड' : भविष्य का डिवाइस, AI का प्रवेश द्वार : मस्क के मुताबिक, पारंपरिक स्मार्टफोन का दौर खत्म हो जाएगा। भविष्य में आने वाला "फोन" असल में एक 'एज नोड' (Edge Node) होगा।
क्या है एज नोड? यह एआई इन्फरेंस (निर्णय लेने) के लिए एक छोटा नेटवर्क पॉइंट होगा, जिसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए रेडियो कनेक्शन होंगे।
कैसे काम करेगा? सर्वर पर बैठा सुपर-एआई आपके एज नोड के एआई से बातचीत करेगा। आपकी कोई भी डिमांड (जैसे समुद्र तट पर घूमने का अनुभव या पुरानी यादें देखना) तुरंत रीयल-टाइम वीडियो में जेनरेट हो जाएगी!

सबसे बड़ा बदलाव : मस्क का दावा है कि न कोई ऑपरेटिंग सिस्टम होगा, और न ही कोई ऐप्स! यह सिर्फ एक 'डिवाइस' होगा—जिसमें एक स्क्रीन, ऑडियो और ज्यादा से ज्यादा एआई मौजूद होगा। बैंडविड्थ बचाने के लिए ज़्यादातर एआई डिवाइस पर ही रहेगा, जिससे सर्वर पर ट्रैफ़िक कम हो।
मस्क कहते हैं: "सब कुछ एआई के ज़रिए मिलेगा। जो भी आप सोचें, या एआई पहले से अनुमान लगा ले कि आपको क्या चाहिए, वो दिखा देगा।" आज हम मैसेज भेजने के लिए व्हाट्सऐप (WhatsApp) खोलते हैं, या स्क्रॉल करने के लिए इंस्टाग्राम (Instagram)—कल ये सब एआई का एक क्लिक (या सिर्फ एक 'सोच') होगा।
समयसीमा : 5-6 साल में हकीकत? रोगन के पूछने पर कि इस बदलाव की समयसीमा क्या है, मस्क का अनुमान है: "शायद पांच-छह साल या कुछ ऐसा ही।"
यानी, अगर मस्क सही साबित होते हैं, तो 2030 तक हम ऐसे डिवाइस देख सकते हैं। एनवीडिया (Nvidia) जैसी कंपनियां पहले से ही जेनरेटिव पिक्सल्स पर काम कर रही हैं, और एआई की विस्फोटक रफ्तार देखते हुए, यह सपना जल्द हकीकत बन सकता है।
क्रांति या बकवास? मस्क के इस खुलासे ने एक्स पर तहलका मचा दिया है। मस्क का विजन हमेशा से ही पोलराइजिंग रहा है—कुछ इसे टेक जगत की अगली बड़ी क्रांति मानते हैं, तो कुछ महज बकवास। एलन मस्क का यह खुलासा सिर्फ फोन की 'मौत' नहीं है, बल्कि मानव और टेक्नोलॉजी के रिश्ते की नई शुरुआत है। जहां डिवाइस हमारी कल्पनाओं का आईना बनेगा और एआई हमारा साथी।
लेकिन सवाल यह है—क्या हम ऐसी दुनिया के लिए तैयार हैं, जहां प्राइवेसी (Privacy) का क्या होगा? या एआई की शक्ति का संभावित दुरुपयोग? जो रोगन का पॉडकास्ट हमें सोचने पर मजबूर करता है। अगर मस्क सही साबित हुए, तो अगले पांच-छह सालों में आपका जेब का साथी बदल जाएगा—एक एज नोड, जो सिर्फ फोन नहीं, बल्कि आपकी कल्पनाओं को हकीकत में बदलने वाला एक जादूगर होगा।
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