आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि एनपीसीआई को अधिकार दिया गया है कि वह बैंकों और अन्य हितधारकों से परामर्श कर नई परिस्थितियों के अनुसार यूपीआई लेन-देन सीमाओं में संशोधन कर सके।
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उन्होंने बताया कि वर्तमान में यूपीआई पर व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) लेन-देन की अधिकतम सीमा 1 लाख रुपए है। हालांकि कुछ विशेष पी2एम मामलों में यह सीमा 2 लाख रुपए और 5 लाख रुपए तक जाती है।
मल्होत्रा ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत एनपीसीआई जरूरतों के अनुरूप यूपीआई लेनदेन की नई सीमाएं तय कर सकेगा। बैंक इन घोषित सीमाओं के भीतर अपने जोखिम आकलन के अनुसार अपनी आंतरिक सीमाएं तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे। उच्च लेन-देन सीमा के साथ आने वाले जोखिमों को कम करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि यूपीआई के जरिए पी2पी लेन-देन पर एक लाख रुपए की मौजूदा सीमा आगे भी बनी रहेगी और एनपीसीआई को इस संबंध में निर्देश दिया जाएगा। इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma
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