घरेलू प्रोडक्शन को मिलेगा फायदा : केंद्र सरकार का यह कदम स्थानीय उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने नई दिल्ली में सेल्युलर मोबाइल फोन के लिए स्क्रू, सिम सॉकेट या धातु की अन्य यांत्रिक वस्तुओं सहित कलपुर्जों के आयात पर शुल्क में कटौती संबंधी अधिसूचना 30 जनवरी को जारी की। अधिसूचना में ये भी कहा गया है कि इन कॉम्पोनेन्ट की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले इनपुट पर आयात शुल्क शून्य कर दिया गया है।
निर्यात को मिलेगा प्रोत्साहन : इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि यह भारत में मोबाइल विनिर्माण को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप है। महेंद्रू ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक 2024 में भारत का 5वां सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र बन गया है, जो कुछ साल पहले 9वें स्थान पर था।
भारत से मोबाइल फोन निर्यात अगले दो वर्षों में तीन गुना बढ़कर 39 अरब डॉलर हो सकता है, जो वित्त वर्ष 2023 में 11 अरब डॉलर था। वहीं भारतीय मोबाइल उद्योग को वित्त वर्ष 2024 में लगभग 50 अरब डॉलर के मोबाइल फोन बनाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की बदौलत इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में 52 प्रतिशत से अधिक मोबाइल का योगदान है। यह पिछले 8 वर्षों के भीतर आयात से निर्यात आधारित विकास में योगदान देने वाला पहला उद्योग है।
क्या होंगे सस्ते मोबाइल के कुछ और कंपोनेंट जिन पर आयात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। इस सूची में कंडक्टिव क्लॉथ, एलसीडी कंडक्टिव फोम, एलसीडी फोम, बीटी फोम, बैटरी की गर्मी रोकने वाला कवर, स्टिकर बैटरी स्लॉट, मेन लेंस की प्रोटेक्टिव फिल्म, एलसीडी एफपीसी, फिल्म फ्रंट फ्लैश और साइड शामिल हैं।
भारत में असेंबल होते हैं बड़े ब्रांड्स के मोबाइल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत को स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का हब बनाने को लेकर बढ़ावा दिया है। ऐप्पल, शाओमी, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और वीवो जैसी कंपनियों के स्मार्टफोन अब भारत में असेंबल होते हैं।
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