गूगल द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम भारत AI शक्ति के दौरान यह घोषणा की गई। गूगल ने इस AI डेटा सेंटर कैंपस के लिए अडानी ग्रुप के साथ साझेदारी की है। इसमें गीगावाट-स्केल की कंप्यूटिंग क्षमता, एक नया अंतरराष्ट्रीय सबसी गेटवे और बड़े पैमाने पर ऊर्जा का बुनियादी ढांचा शामिल होगा।
इससे भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी और AI के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाएगा। साथ ही, आंध्र प्रदेश और पूरे भारत के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे।
गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने कहा कि यह नया केंद्र विशाखापत्तनम को AI नवाचार का एक वैश्विक केंद्र बना देगा, जो न केवल भारत बल्कि एशिया के अन्य हिस्सों और उससे आगे भी सेवा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह गीगावाट-स्केल AI हब डेटा को स्थानीय रूप से संग्रहीत करेगा और विभिन्न क्षेत्रों में AI-संचालित समाधानों को शक्ति प्रदान करने में मदद करेगा।
इस कार्यक्रम में उपस्थित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यह परियोजना 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट थे कि गूगल को इसके लिए भारत आना होगा। हम पहले माइक्रोसॉफ्ट को हैदराबाद में लाए थे, और आज गूगल विशाखापत्तनम आ रहा है। इससे हम AI का उपयोग करके 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त कर सकते हैं।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गूगल का निवेश भारत के AI मिशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सहयोग को प्रगतिशील नीति-निर्माण और गतिशील शासन के बीच सामंजस्य का प्रतिबिंब कहा। यह परियोजना ‘AI सिटी विजाग’ पहल का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 1.8 लाख तक नौकरियां पैदा करना है और यह विशाखापत्तनम को भारत के AI संचालित भविष्य की आधारशिला के रूप में स्थापित करेगा।
edited by : Nrapendra Gupta
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