यह विधेयक उन खतरनाक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है जो आसान कमाई का झांसा देकर लोगों को लत, कर्ज और मानसिक तनाव की ओर धकेलते हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम परिवारों की सुरक्षा और डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित दिशा देने के लिए उठाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पहले ही गेमिंग डिसऑर्डर को एक बीमारी के रूप में मान्यता दे चुका है। रिपोर्टों के अनुसार, लाखों युवा इस लत का शिकार हो चुके हैं, जिससे आर्थिक बर्बादी और आत्महत्या जैसे गंभीर मामले सामने आए हैं।
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क्या हैं online gaming bill 2025 के प्रावधान
भारत और भारत के बाहर से चल रहे सभी प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगा।
ई-स्पोर्ट्स की मान्यता इन्हें वैध खेल का दर्जा मिलेगा। प्रशिक्षण अकादमियां, शोध केंद्र और टूर्नामेंट आयोजित होंगे।
ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध इनका प्रचार-प्रसार व वित्तीय लेनदेन अवैध होगा।
राष्ट्रीय स्तर पर नियामक प्राधिकरण गेम्स की श्रेणी तय करेगा, पंजीकरण करेगा और शिकायतें सुनेगा।
क्या हैं सजा का प्रावधान
मनी गेम्स चलाने पर 3 साल कैद और 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना।
विज्ञापन पर 2 साल की सज़ा और 50 लाख रुपए जुर्माना।
बार-बार अपराध पर 5 साल की कैद और 2 करोड़ रुपए तक जुर्माना।
कंपनियों की जवाबदेही- दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
जांच और जब्ती के अधिकार – सरकार को तलाशी, गिरफ्तारी और डिजिटल संपत्ति जब्त करने का अधिकार। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma
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