
क्या है नैनो बनाना ट्रेंड (What is the Nano Banana trend)
नैनो बनाना ट्रेंड की शुरुआत Google के Gemini Nano नामक एआई टूल से हुई है। यह टूल लोगों की साधारण तस्वीरों को 3D पुतले जैसे पोर्ट्रेट में बदल देता है, जिनमें स्मूद स्किन और कार्टून-स्टाइल लुक देखने को मिलता है। जैसे-जैसे लोग इसे आज़माने लगे, यह ट्रेंड विंटेज साड़ी पोर्ट्रेट्स तक पहुँच गया। कई महिलाएँ अपनी तस्वीरों को पुराने जमाने के अंदाज़ में पारंपरिक साड़ियों और सिनेमाई लुक के साथ बदलने लगीं।
इंस्टाग्राम (Instagram) पर नैनो बनाना ट्रेंड की धूम
इंस्टाग्राम इन दिनों सिफॉन साड़ियों, लहराते लिबासों और सुनहरी रोशनी से भरा हुआ है, क्योंकि लाखों लोग इस ट्रेंड से जुड़ रहे हैं। मीडिया एक रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर के मध्य तक Gemini ऐप पर 500 मिलियन से ज्यादा तस्वीरें बनाई या एडिट की जा चुकी थीं जबकि अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी करोड़ों इमेज तैयार की गईं।
ट्रेंड इतना तेजी से बढ़ा कि भारत में Gemini AI चैटबॉट ऐप, Apple App Store और Google Play Store दोनों पर नंबर 1 स्थान पर पहुंच गया। रिपोर्ट्स के अनुसार 26 अगस्त से 9 सितंबर के बीच इस ऐप को 2.3 करोड़ से ज्यादा नए यूज़र्स मिले।
क्या हुआ खुलासा
इस बनाना एआई टेक्नोलॉजी पर एक लड़की ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। यानी एप पर फोटो बनाना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इंस्टाग्राम यूजर ने इसे लेकर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें वह बता रही है कि इस साड़ी वाले फोटो ट्रेंड को उसने भी ट्राई किया था।
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उन्होंने फुल स्लीव वाले ग्रीन सूट में अपना एक फोटो अपलोड किया था और इस फोटो के जवाब में उसे बनाना एआई से काले रंग की साड़ी और ब्लाउज में फोटो मिला। लेकिन चौंकाने वाली बात तो यह है कि लड़की ने बताया कि उसने फुल स्लीव सूट में फोटो शेयर किया था, लेकिन बनाना एआई को कैसे पता चला है कि उसकी हाथ पर ऊपर की ओर एक तिल भी है, जबकि वह तो सूट की स्लीव से कवर था। लड़की का कहना है कि यह एप लड़कियों की सिक्योरिटी के लिए खतरनाक है। इंस्टाग्राम पर उसने कहा कि लड़कियां और महिलाएं ऐसे किसी भी ट्रेंड को फॉलो करने से पहले 100 बार सोचें।
एआई प्लेटफॉर्म पर कितनी सुरक्षित आपकी तस्वीर
Google और OpenAI जैसी टेक कंपनियां यूज़र्स के कंटेंट की सुरक्षा के लिए कई तरह के सेफ़्टी फीचर्स देती हैं। लेकिन असली खतरा इस बात पर निर्भर करता है कि हम इन प्लेटफ़ॉर्म्स का इस्तेमाल कितनी सावधानी से करते हैं। अपलोड किया गया कंटेंट फिर भी गलत तरीके से इस्तेमाल हो सकता है, बिना अनुमति बदला जा सकता है या गलत व्यक्ति से जोड़ा जा सकता है।
Gemini Nano के Nano Banana इमेजेस में सुरक्षा के लिए SynthID नामक अदृश्य डिजिटल वॉटरमार्क और मेटाडेटा टैग्स जोड़े जाते हैं, ताकि उन्हें AI-जनरेटेड के रूप में पहचाना जा सके। हालांकि हर कोई इन पहचान उपकरणों का उपयोग नहीं कर सकता। इसलिए अगर वॉटरमार्क मौजूद भी है, तो ज्यादातर लोग यह पुष्टि नहीं कर पाएंगे कि कोई तस्वीर AI द्वारा बनाई गई है या नहीं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वॉटरमार्क पूरी तरह विश्वसनीय नहीं होते क्योंकि उन्हें कॉपी या हटाया जा सकता है।
हाल ही में एक आईपीएस अधिकारी, वीसी सज्जनार ने एक सलाह शेयर की जिसमें लोगों से इस ट्रेंड में शामिल होते समय सावधानी बरतने को कहा गया। Edited by : Sudhir Sharma
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