
सूत्रों ने बताया कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एजेंसी सोमवार को कंपनी से कुछ दस्तावेज प्राप्त करने के अलावा गूग
ल के एक नामित ‘अनुपालन अधिकारी’ का बयान भी दर्ज कर सकती है। गूगल के एक प्रवक्ता ने पिछले हफ्ते ‘पीटीआई को दिए एक बयान में कहा था कि कंपनी ‘अपने मंच को सुरक्षित रखने और अवैध जुए के विज्ञापनों के प्रचार पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘हम जांच एजेंसियों को अपना पूरा समर्थन और सहयोग दे रहे हैं, ताकि गलत कार्य करने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा सके और उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखा जा सके। 'मेटा’ की ओर कोई जवाब नहीं आया है। मेटा को पहले फेसबुक नाम से जाना जाता था।
प्रवर्तन निदेशालय अवैध सट्टेबाजी और जुए से जुड़े कई मंचों की जांच कर रही है। उसमें विभिन्न सोशल मीडिया मंच और ऐप स्टोर्स पर उनके लिए विज्ञापन दिए जाने के कथित मामले भी शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ईडी ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र की इन दिग्गज कंपनियों को यह जानने के लिए बुलाया है कि ये अवैध मंच उनके पोर्टल पर विज्ञापन कैसे देते हैं। इन मामलों में कुछ अभिनेता, मशहूर हस्तियां और खिलाड़ी भी संघीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। वे भी उसके सामने पेश हो सकते हैं। ईडी ने दावा किया है कि अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के मंचों ने लोगों की गाढ़ी कमाई ठग ली है और करोड़ों रुपये की कर चोरी एवं धनशोधन भी किया है। गूगल ने यह भी कहा कि ‘‘मानव विशेषज्ञता के साथ-साथ उसकी निरंतर एआई
प्रगति यह सुनिश्चित करती है कि हमारे मंच पर सभी विज्ञापन स्थानीय कानूनों और हमारी सख्त विज्ञापन नीतियों का पालन करें और उपयोगकर्ताओं को उभरते खतरों से बचाएं।’’ उसने कहा था, ‘‘पिछले साल ही हमने भारत में 24.74 करोड़ विज्ञापन हटाए और 29 लाख विज्ञापनदाता खाते निलंबित किए।’’ प्रवर्तन निदेशालय देश भर में अवैध जुआ और सट्टेबाजी मंच से जुड़े एक दर्जन से अधिक मामलों की जांच कर रहा है, जिसमें महादेव ऑनलाइन बुक (एमओबी) ऐप भी शामिल है। एमओबी के मुख्य प्रवर्तक छत्तीसगढ़ से हैं। (भाषा)
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