एक्सपर्ट्स ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की किराए से आय, बैंक सावधि जमा पर ब्याज और अन्य पेशेवर सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं से कुल आय एक वर्ष में 20 लाख रुपए से अधिक हो जाती है, तो उस पर कर लगेगा।
हाल ही में, एक्स ने अपने प्रीमियम ग्राहकों या सत्यापित संगठनों के लिए विज्ञापन राजस्व साझा करना शुरू किया है। इस राजस्व साझाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए खाते में पिछले 3 महीनों में पोस्ट पर 1.5 करोड़ 'इंप्रेशन' और कम से कम 500 'फॉलोअर्स' होने चाहिए।
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने हाल ही में एक्स से राजस्व हिस्सेदारी प्राप्त करने के बारे में ट्वीट किए हैं।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि 20 लाख रुपए की सीमा की गणना के लिए ऐसी आमदनी को शामिल किया जाएगा जो आमतौर पर जीएसटी से मुक्त हैं। हालांकि, छूट वाली आय पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा।
वर्तमान में, 20 लाख रुपए से अधिक की सेवाओं से राजस्व या आय अर्जित करने वाले व्यक्ति और संस्थाएं माल और सेवा कर (GST) पंजीकरण लेने के लिए पात्र हैं। मिजोरम, मेघालय, मणिपुर जैसे कुछ विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए यह सीमा 10 लाख रुपए है।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बैंकों से सालाना 20 लाख रुपये की ब्याज आय अर्जित करता है, और जो न तो जीएसटी का भुगतान करता है और न ही जीएसटी पंजीकरण कराया है।
उन्होंने आगे कहा कि अब, यदि वह व्यक्ति ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म से कोई अतिरिक्त कर योग्य आय, मान लीजिए एक लाख रुपये हासिल करता है, तो उसे जीएसटी पंजीकरण कराना होगा और 20 लाख रुपए से ऊपर की रकम यानी 1 लाख रुपये पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि सामग्री निर्माता ट्विटर से आय हासिल करता है तो वह जीएसटी के तहत 'सेवाओं का निर्यात' मानी जाएगी, क्योंकि ट्विटर भारत से बाहर है और परिणामस्वरूप, आपूर्ति का स्थान भारत के बाहर है। इनपुट भाषा Edited By : Sudhir Sharma
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